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जोड़ियां:- कुछ ऐसी भी
जोड़ियां जिनके लिए हम सब जानते बन के आतीं ऊपर वाले के घर से।
कुछ कर्म की साथी,कुछ soul mate यानि साथी आत्मा के ।
जोड़ियां कुछ ऐसी होनी चाहिए जो रूप,सौंदर्य,रंग से भले ही वो न मिलें लेकिन मिलनी चाहिए मति, से,दिल से।
लेकिन जैसे दो अच्छे लोगों का
रहना जरूरी है एक अच्छी जिंदगी के लिए जिंदगी भर, उससे कहीं ज्यादा जरूरी है साथ होना दो बुरे लोगों का,धोखा,झूठ,स्वार्थ, छल,छंद,फरेब,गिरावट चरित्र की दे सकें वो दोनो एक दूसरे को।
ना हो पाए दोनों में से किसी एक कारण दूसरे की आत्मा दुखी।
वफा और धोखा कर सके दोनो एक दूजे के साथ,एक जैसा।
न्याय होता रहे और बच जाए कोई तीसरा।।

समीक्षा द्विवेदी

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