ख्वाब तेरा
न कोई ख्वाब दिखाया,
न गम दिया उसको...
बस उसकी आँखों में,
एक इंतज़ार रहने दिया।
उसे भुला भी दिया,
याद भी रखा उसको..
नशा उतार भी दिया,
और खुमार रहने दिया।
न गम दिया उसको...
बस उसकी आँखों में,
एक इंतज़ार रहने दिया।
उसे भुला भी दिया,
याद भी रखा उसको..
नशा उतार भी दिया,
और खुमार रहने दिया।
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