...

8 views

आमीन!!
हमारे मिलन की बेला आई
दिल ज़ोऱों से धऱक रहा,
मन सहमा सा है।
अब सब कुछ
सच व सार्थक होता दिख रहा,
फिर भी एक अफरा तफरी सी मची है।
सच, सच में!
आज हमारे सपनों में,
रंग भर जाएंगे!!!
सच में,
आज हमारी मंजिलें,
एक हो जाएंगी!!!
सच, या ये महज एक,
मृगतृष्णा सा आभास है।
लगता है सच में,
हमारी दुआ कुबूल होगी!!!
अगर ये सच है,
तो फिर आओ ,
ये दुआ सबके लिए की जाए,
"ऐ अल्लाह , तू सबको अपनी पनाह में रखना"
आमीन!!!
@Ishraj