आकर्षण
नहीं मालूम तुम्हारे शब्दों से तुम्हें मढ़ा मैंने
या तुम्हारे चेहरे की संजीदगी से
ना जाने शब्द, भाव थे या
तुम्हारा सलीक़ा भाया
या वाणी की कठोरता
और सीधी बात की थी माया
यूँ...
या तुम्हारे चेहरे की संजीदगी से
ना जाने शब्द, भाव थे या
तुम्हारा सलीक़ा भाया
या वाणी की कठोरता
और सीधी बात की थी माया
यूँ...