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प्रकृति और जीवन
#WorldPoetryDay

अंधेरी रात में टिमतिमाते तारों को देखकर,
बिसर जाते हैं सारे गम अपने,
चाँद की शीतल चाँदनी को देख,
मिट जाती हैं चिंता की लकीरें,
फूलों पर मंडराते भँवरों की गुंजन,
कर देती हैं तन मन को रंग बिरंग,
बह जाती हैं सारी चिंताएं नदियों की बहती धारा संग,
पहाड़ों की सुंदर ऊंचाईयों को देख,
मन भी प्रफुल्लित हो भरता है ऊँची उड़ान,
झर झर बहते झरने बहते हैं जब,
गिले शिकवे भी दूर हो जाते हैं तब,
सुबह सूरज की उगती किरण,
भर देती है मन में जोश उमँग,
रंग बिरंगी तितलियों को उड़ता देख,
जीवन भी हो जाता है बहुरंग,
ये सुंदर प्रकृति कर देती है,
हमारे जीवन में शक्ति का संचरण,
सागर की चढ़ती उतरती लहरें,
सिखा जाती हैं जीवन के दुःख सहने,
प्रसन्न चित्त मन प्रफुल्लित हो जाता है,
हंसी खुशी जीवन जीने का संदेश
मिल जाता है।
© hemasinha