अनजाने दास्ता ।
हकीकत है ना यह जो,
मे अपने रूह को तुझसे रुबरु कर सकता ।
पर जितने सिधत से चाहे तुझको किसी ओर का ना होने देता ।
ये दास्तान तेरी...
मे अपने रूह को तुझसे रुबरु कर सकता ।
पर जितने सिधत से चाहे तुझको किसी ओर का ना होने देता ।
ये दास्तान तेरी...