...

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maa ke bina ye sunapan
माँ,,,
तेरी यादों का घेरा,,
मुझे रोज रूलाता है!!
बिती सारी बातें,,
बार-बार याद दिलाता है!
चाहे कितनी भी कोशिश,
क्यों ना कर लूँ ,
पर हर रोज यही बातें सताता है.. कि ऐसे कैसे बदल गया सबकुछ........ ,,
लोगों के ताने, रिश्तेदारों की बातें,
दोस्तों में आ रहे बदलाव,,
बार बार यही जताते है,,
कि माँ के बिना तू कुछ नहीं,
अब उन्हें कैसे कहूँ कि,
आप साथ तो है , पर पास नहीं !
आपका सहयोग तो है, मगर हाथ नहीं!!
माँ बहुत सता रही है, ऐ दुनिया !!
आप आ जाओ ना!
आप पास हो मेरे,
ये बातें लोगों को बता जाओ ना!!
एक बार फिर से मुझे,
अपने आचल में सुला जाओ ना!!

© babes (palak) Anishtha priya