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सिर्फ तुम
कभी वक़्त मिले तुझे,
हम फिर मिलें तुझे,
कोई बात सुरु तो हो,
हम कुछ कहें तुझे |
कभी वक़्त मिले तुझे,
एक शाम मिले मुझे,
कवि बन सुना सकूँ,
जो वाक्य लिखें तुझे ||
कभी वक़्त मिले तुझे,
संग ले चलूँ तुझे,
में अकेला ना रहूं,
चुम लूँ बेवक़्त तुझे |||
कभी वक़्त मिले तुझे,
शाम लगे रंगीन तुझे,
में नाव सा बन चलूँ,
अगर मिल चलूँ तुझे ||||
कभी वक़्त मिले तुझे,
मन मेरा मिले तुझे,
बंद दरवाज़े खोल दूँ,
जो बंद रखे तुझे |||||
कभी वक़्त मिले तुझे,
हँसी भी मिले तुझे,
आंशुओ को ज़मा सके,
वे रेशे मिले तुझे ||||||...... 🖊️🖊️
© Sarang Kapoor
हम फिर मिलें तुझे,
कोई बात सुरु तो हो,
हम कुछ कहें तुझे |
कभी वक़्त मिले तुझे,
एक शाम मिले मुझे,
कवि बन सुना सकूँ,
जो वाक्य लिखें तुझे ||
कभी वक़्त मिले तुझे,
संग ले चलूँ तुझे,
में अकेला ना रहूं,
चुम लूँ बेवक़्त तुझे |||
कभी वक़्त मिले तुझे,
शाम लगे रंगीन तुझे,
में नाव सा बन चलूँ,
अगर मिल चलूँ तुझे ||||
कभी वक़्त मिले तुझे,
मन मेरा मिले तुझे,
बंद दरवाज़े खोल दूँ,
जो बंद रखे तुझे |||||
कभी वक़्त मिले तुझे,
हँसी भी मिले तुझे,
आंशुओ को ज़मा सके,
वे रेशे मिले तुझे ||||||...... 🖊️🖊️
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