...

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मां
मां तू न होती तो शायद इस जग में मैं भी न होती,
तेरे कोमल आंचल से खेली न होती।
मुझे लगी चोट का सबसे ज्यादा दर्द होता है तुझे,
और मेरी खुशी की शुरुआत भी होती है तुझ ही से।
इतने सारे काम अकेले कैसे कर लेती है ,
घर से बाहर तक सब संभाल लेती है ।
हमारे मन में क्या है,
हमे क्या चाहिए, न जाने कैसे मालूम कर लेती है,
प्रणाम है तेरी ऐसी शक्ति को जो बिना कहे सब जान जाती है ।
सारे दिन की थकी हारी रात को हमे पढ़ाती है ,
फिर खाना लगा के सबसे आखिर में खाती है ,
इतनी खूबियां है तुझमें जो जग में किसी और के पास नहीं,
कितनी भाग्यशाली हूं मैं जो तुझ जैसी मुझे मां मिली ।।
अंत में बस इतना ही कहूंगी की....
मां से बड़ी संपत्ति और मां से महत्वपूर्ण इंसान
इस दुनिया में न ही कोई हुआ है, न ही कोई है, और न ही कोई होगा।।