लड़खड़ाहट ✍️✍️✍️
इतना बुरा भी ना समझो की दर्द बेहतर लगने लगे
जिस दिल में सजा रखा वही दिल अखरने लगे
मै कुछ नहीं क्या मिलेगा तुझे ये मुझको बताकर
क्या हासिल होगा तुझको मुझे मुखाग्नि लगाकर
ठगा सा दिल मेरा बेतरतीब अश्रुपूरित यही कहे
क्या तू था जिसके अनगिनत स्वप्न...
जिस दिल में सजा रखा वही दिल अखरने लगे
मै कुछ नहीं क्या मिलेगा तुझे ये मुझको बताकर
क्या हासिल होगा तुझको मुझे मुखाग्नि लगाकर
ठगा सा दिल मेरा बेतरतीब अश्रुपूरित यही कहे
क्या तू था जिसके अनगिनत स्वप्न...