...

6 views

mujhe sab yaad hai ....
मैं सब कुछ भूल गई,,,मुझे सब कुछ याद है।।।।
नशे में थी तो सुकुन था,,,,होश का बड़ा कड़वा स्वाद हैं।।।।।
सब्र में सब्र नहीं,,,बड़ी बेचनी का माहौल है,,,,
एक सवाल का शोर नींद उड़ा बैठा है ,,,,
जवाब से दिल बेहाल हैं।।।।
चेहरे का उड़ा रंग, नम आंखें, ख़ामोश लफ़्ज़ चीख रहें हैं,,,
पत्थर बना कोई ,,, मोम के हिस्से सारी सज़ा हैं।।।।
मैं सब कुछ भूल गई,,, मुझे सब कुछ याद है,,,,
मूंद रखी थी आंखें तो सब ठीक था,,, हकीकत तो बड़ी मक्कार हैं।।।
उलझनों में भी उलझने है,,,मेरे सपने गद्दार हैं,,,,
मेरे सामने मेरी मंज़िल मुसाफ़िर बनी हैं,,,,
मुसाफ़िर के पीछे चलते चलते पैर घायल हुए हैं।।।।
दुख और दर्द से बीमार शरीर मौत मांगता है,,,,
खैरियत से अंजान कोई,,कोई अंजान की फिक्र में मर मर के जीता हैं।
अपना भी और तेरा भी मुझे सब याद है ,,,
© vandana singh