...

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याद...
शाम के समय अंधेरा छाता है
मन मै यादोंका सैलाब लाता है
आँखोंकी नमी आसुओनसे भर आती है
मन मै एक उदासी छा जाती है
जिता हू मगर चाह नहीं जिनेकी
तेरे बिना ये जिंदगी किस काम कि
आयेगी तू लौट के 'तेरी राह देखता हू
'तेरी यादों मै खोया रेहता हू
काश तू फिरसे आजाये
मेरे गमोको मिटा जाये
मुझे भी अपने साथ लेजाये.....