...

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मेरे ज़नाजे की वसीयत
जब निकले ज़नाजा घर से हमारा, तो कुछ लोगो को पैसे देकर पीछे कर लेना।
जो भी करे नाटक रोने मे, उसे कोने मे कर लेना।
हमे मालूम है तुम भी, बिना पैसों के नाटक नही करोगे रोने का।
तो थोड़े बहुत अपनी जेब मे भी धर लेना।
कृप्या इतने पैसों मे दो दिन तक नाटक कर लेना।
जब निकले ज़नाजा घर से हमारा, तो कुछ लोगो को पैसे देकर पीछे कर लेना।

© SK BHARAT