अस्थि कलश से प्रचार
अब सियासत से इतना, प्यार कर लेते हैं लोग,
अस्थि कलश से भी, प्रचार कर लेते हैं लोग।
इन मरे हुए सांपों को, अब कौन गले में ड़ाले,
ये सोचकर बुज़ुर्गों से, तकरार कर लेते हैं लोग।
अब ये समझ नहीं आता, इंसान कहूं कि गिद्ध,
लाशों का भी देखो, व्यापार कर लेते हैं लोग।
हिंदू-मुसलिम दंगों में, ख़ूं की नदियां बहाकर,
सूने आंगन में अपने,...
अस्थि कलश से भी, प्रचार कर लेते हैं लोग।
इन मरे हुए सांपों को, अब कौन गले में ड़ाले,
ये सोचकर बुज़ुर्गों से, तकरार कर लेते हैं लोग।
अब ये समझ नहीं आता, इंसान कहूं कि गिद्ध,
लाशों का भी देखो, व्यापार कर लेते हैं लोग।
हिंदू-मुसलिम दंगों में, ख़ूं की नदियां बहाकर,
सूने आंगन में अपने,...