वक़्त
वक़्त है?या चलती घड़ी का पहिया।
जो आंखो के आगेसे गुजरता ही जा राहा।
थम गया अगर तू फिर लौट के ना आउगा,
चाहो तो भी मुझे भुला न पाउगा,
पछतालो कितना भी फिर भी
गुजरा वो लम्हा, वो पल लौट के कहा आया।
जिलों इस घड़ी की आड़ में,
क्युकी अगर इसमें फ्स गए तो
टक टकी को भी गिन ना पाओगे।
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#WritcoPoemPrompt25
© quotes_lover1023
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थम गया अगर तू फिर लौट के ना आउगा,
चाहो तो भी मुझे भुला न पाउगा,
पछतालो कितना भी फिर भी
गुजरा वो लम्हा, वो पल लौट के कहा आया।
जिलों इस घड़ी की आड़ में,
क्युकी अगर इसमें फ्स गए तो
टक टकी को भी गिन ना पाओगे।
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