...

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स्त्री...🌿
पढ़ा हैं कभी
उसकी चुप्पी की दहलीज पर बैठ
शब्दों की प्रतिक्षा में उसके चेहरे को
🌿🌿
उसके अंदर वंशबीज बोते
क्या तुमने कभी महसूस किया है
उसकी फैलती जड़ों को अपने भीतर
🌿🌿
क्या तुम जानते हों
एक स्त्री के समस्त रिश्तों का व्याकरण
बता सकते हों तुम
एक स्त्री को स्त्री दृष्टि से देखते
उसके स्त्रीत्व की परिभाषा
🌿🌿
अगर नही
तो फिर जानते क्या हो तुम
रसोई और बिस्तर के गणित से परे
एक स्त्री के बारे में!!...

#writcopoem
#female life 🧬🧬
#problems and struggles..
#मर्द कहते है.. कि अकेली औरत
महफूज़ नहीं है
पर ये क्यूं नही बताते
किसकी वजह से...🌿
#you don't have any right to tell
a girl how to lead her life...
if you can't support her then dnt dare to
trouble her....
#🌿💚!?...