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#मयखाने
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
पियू तो मर जाऊं ना पियू तो तहखाने हैं।
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे।
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
घर में लाऊं तो बीवी डाटती है।
ना लाऊं तो बेचैनी बढ़ी है,
लगता है मर ना जाऊं उसको छोड़ के,
तेरी याद जो शाकी दिल पर अडी है।
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
पियूं तो मर जाऊं ना पियूं तो तहखाने हैं।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
पियू तो मर जाऊं ना पियू तो तहखाने हैं।
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे।
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
घर में लाऊं तो बीवी डाटती है।
ना लाऊं तो बेचैनी बढ़ी है,
लगता है मर ना जाऊं उसको छोड़ के,
तेरी याद जो शाकी दिल पर अडी है।
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
पियूं तो मर जाऊं ना पियूं तो तहखाने हैं।
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