तन्हा एहसास
डूब जाओं एहसासों में तुम,
बनकर होंठों का अल्फाज़,
मेरे इस तन्हा जीवन में,
तुम हो ख्वाबों का मुमताज़।
वो मधुर छटा तेरे नैनों की,
कभी कभी जब लगे नाराज़,
सुंदरता में...
बनकर होंठों का अल्फाज़,
मेरे इस तन्हा जीवन में,
तुम हो ख्वाबों का मुमताज़।
वो मधुर छटा तेरे नैनों की,
कभी कभी जब लगे नाराज़,
सुंदरता में...