मैं
मैं अब टूट चुकी हूं
थक गई हूं इस ज़िंदगी की
लड़ाई से इसलिए खुद को
एकांत में सौंप चुकी हूं मैं
किसी ने दिल तोड़ा तो
किसी ने विश्वाश....
इसलिए अब लोगों से
दूर रहती हूं मैं
हिम्मत नहीं...
थक गई हूं इस ज़िंदगी की
लड़ाई से इसलिए खुद को
एकांत में सौंप चुकी हूं मैं
किसी ने दिल तोड़ा तो
किसी ने विश्वाश....
इसलिए अब लोगों से
दूर रहती हूं मैं
हिम्मत नहीं...