...

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वही भगवान है . . . .
अदृश्य रक्त औजार सुनकर जहा परेशान है
खामोशी से बैठो सुनानी अजीब दास्तान है

सांसों को गिरवी रक्खा है हर एक पहलुओं की
खौफ कर खुद से जन्म से मृत्यु नही आसान है

कालीन रात की वो समा विरान की वो चीख
कफन से है घेरे खयाल चारो ओर कब्रिस्तान है

लहूलुहान अस्तित्व मोल नही भस्म है मिट्टी से
पैमान है जल अग्नि वायु पे जो वही भगवान है

© joges