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मिर्च की कहानी
हा, माना मिर्च कबिता लिखने का विषय नहीं,
पर कोई भी पकवान मिर्च के बिना पूर्ण नहीं,,
होती मिर्च लाल, हरी और तीखी पर,
खा न पाया कोई इसे फीकी,,
वैसे तो मिर्च के परिवार में ज्यादा कोई नहीं
भाई अगर लाल मिर्च, तो हरी मिर्च बहन बनी,,
ताज़ा ताज़ा बनता मिर्च का अचार,
जिससे चलता कयी लोगो का व्यापार,,
मिर्च की खूबसूरती का तो सवाल ही नहीं,
जैसे हरी चुनरी ओढ़ कर खड़ी हो कोई युवती नयी,,
खड़ी खड़ी रह जाती है यह बहुत इठलाती है,
लोगो को बहुत भाती है, नए नए चटकारे दिलाती है,,
सब्जी की डलिया पर मिर्च का विशेष स्थान है,
जैसे धनिया के साथ रचाने को व्याओ इसका अभिमान है,,
मिर्ची की अपनी कहानी है, जो सबको याद दिलाती उनकी नानी है,,
एक पंक्ति कहत आपकी बिटिया, ना करो कभी मिर्च की निंदिया,,
बच्चों का इसका वैर है, बूढ़े इसके पुराने राही है, और नवज़बानों के लिए मिर्च शाही थाली है,,
कहानी मिर्च की पुरानी है, जो इसे खाए
उन्हे याद दिलाती उनकी नानी है,,
मिर्च सब्जियों की रानी है, आलू के बाद यही सबसे सयानी है,,
टमाटर को भाई बना, धनिया के संग भागी है,
यह मिर्च बहुत खानदानी है,,
# मिर्च की कहानी
Written by Anshika soni