...

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जिंदगी से सीखो
जीना है जिंदगी तो बाधाओं से लड़ो ,
बन जाओ तुम तीर और हवाओं को चीर दो,
मुसीबतें हजार आएंगी पीछे ना तुम हटना ,
सोने की तरह तपकर कुंदन तुम्हें है बनना |

बादलें भी बूंद बन कर माटी में है गिरती,
कर देती शीतल मन जीवो की प्यास बुझा है देती.
बनना तुम भी उन बूंदों की तरह,
हरना तुम कष्ट उन बादल की तरह ,
ईश्वर सदा तेरे साथ रहेगा ,
तेरा सूर्य जैसा चमक ,
यह संसार देखेगा ।
यह संसार दिखेगा।
© श्रीहरि