बताओ तो सही
देखा तुम्हे तो थे सरगम लगे,
लेकिन अब तक हो मौन धरे,
पीर भीतर हो कितनी दबाए,
कुछ भी नहीं तुम हमें बताए।
करोगे कैसे तुम प्रेम किसी से,
डरते रहोगे जो तुम सभी से,
बात करते नहीं...
लेकिन अब तक हो मौन धरे,
पीर भीतर हो कितनी दबाए,
कुछ भी नहीं तुम हमें बताए।
करोगे कैसे तुम प्रेम किसी से,
डरते रहोगे जो तुम सभी से,
बात करते नहीं...