( गजल)
मेरे आशियाने की बिखरी दरो- दिवार पर
तेरी यादों की तस्वीर को अब लगाना कहाँ है
बिछड़ गया तू चल कर चार कदम साथ
तेरे सिवा किसी और से आब निभाना कहाँ है
तूझ से ही तो ...
तेरी यादों की तस्वीर को अब लगाना कहाँ है
बिछड़ गया तू चल कर चार कदम साथ
तेरे सिवा किसी और से आब निभाना कहाँ है
तूझ से ही तो ...