रूमानियत
उनकी आंखो की रूमानियत
सोने नहीं देती हमें रातो में।।
गूंजते हैं हर जगह उन्हीं के लफ्ज़
ना जाने क्या बात है उनकी बातो में।।
सोने नहीं देती हमें रातो में।।
गूंजते हैं हर जगह उन्हीं के लफ्ज़
ना जाने क्या बात है उनकी बातो में।।
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