ग़ज़ल
ये नहीं कहता मुहब्बत हो रही है
मुझ को लेकिन तेरी आदत हो रही है
तेरे दरियाओं पे ला'नत हो रही है
दश्त में प्यासों की इज़्ज़त हो रही है
ख़ूबसूरत लोग मारे जा रहे हैं
दुनिया...
मुझ को लेकिन तेरी आदत हो रही है
तेरे दरियाओं पे ला'नत हो रही है
दश्त में प्यासों की इज़्ज़त हो रही है
ख़ूबसूरत लोग मारे जा रहे हैं
दुनिया...