फूलों की तरह खिलना!
फूलों की तरह खिलना,
अपनों की तरह मिलना,
बनके मेरा हमसफर...
तू साथ मेरे चलना।
हर दर्द मे आकर के,
सर कांधे पे मेरे रखना!
तन्हाई सताये जब...
तू बात मुझे करना।
जाना हो तुझे गर तो,
जाना मुझे कहकर के,
कहीं दम न निकल जाये...
बस याद तू ये रखना।
रहने को हमेशा तू,
रहता है मेरे दिल मे,
कहीं मसकन न उजड़ जाये...
इस पर तू नज़र रखना।
मेरी आँख खुलेगी जब,
सब कुछ ही जुदा होगा,
जो महमान था ख्वाब मे...
उसे याद मगर रखना।
#aasgaduli #alfaaz-e-aas #poetry #WritcoQuotes
© alfaaz-e-aas
अपनों की तरह मिलना,
बनके मेरा हमसफर...
तू साथ मेरे चलना।
हर दर्द मे आकर के,
सर कांधे पे मेरे रखना!
तन्हाई सताये जब...
तू बात मुझे करना।
जाना हो तुझे गर तो,
जाना मुझे कहकर के,
कहीं दम न निकल जाये...
बस याद तू ये रखना।
रहने को हमेशा तू,
रहता है मेरे दिल मे,
कहीं मसकन न उजड़ जाये...
इस पर तू नज़र रखना।
मेरी आँख खुलेगी जब,
सब कुछ ही जुदा होगा,
जो महमान था ख्वाब मे...
उसे याद मगर रखना।
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