...

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मुझेे तन्हाई से डर नहीं है:- निखिल ठाकुर
मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब ...!
खुश हैं जिन्दगी से हम ..ना किसी की चाहत है अब...
मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब!!!

गमों का साहिल मिला मुझे किनारे बैठा
देख के उसे गले लगा लिया है..
तडपती रूह को स्कून का मंजर मिला अब ..
दर्द ए जिन्दगी का अफसाना मिला मुझे
ना चाहत है किसी की अब
मुझे तन्हाई से कोई डर नहीं है!!१!!

सिमटती रातों में अक्सर मैं अकेला गुजरता रहता हूं कहीं मंजिल की तलाश में
ठोकरे खाकर धीरे धीरे सम्भलते हुये चल रहे है मुसाफिर की तरह हम
देखके अपने साये से बाते करते रहते है ...
अकेलेपन का अफसोस नहीं है अब
ना चाहत है किसी की अब
मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब !!२!!
निखिल
@Nikhilthakur# love#alone #heartbreakingbuttrue
© Nikhilthakur