मुझेे तन्हाई से डर नहीं है:- निखिल ठाकुर
मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब ...!
खुश हैं जिन्दगी से हम ..ना किसी की चाहत है अब...
मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब!!!
गमों का साहिल मिला मुझे किनारे बैठा
देख के उसे गले लगा लिया है..
तडपती रूह को स्कून का मंजर मिला अब ..
दर्द ए जिन्दगी का अफसाना...
खुश हैं जिन्दगी से हम ..ना किसी की चाहत है अब...
मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब!!!
गमों का साहिल मिला मुझे किनारे बैठा
देख के उसे गले लगा लिया है..
तडपती रूह को स्कून का मंजर मिला अब ..
दर्द ए जिन्दगी का अफसाना...