गलत राह या गलत राही ?
एक लड़की थी प्यारी सी
मन मौजी आजाद खयालों वाली
दिल खोल के जीने वाली हसने मुस्कुराने वाली
अब कतराती है अपनी आजादी से
खुद को सिमट के खुद ही के कैद में
अब कैसे सीखेगी किसीपे भरोसा करना फिर से
जो अपनो ने ही तोड़ा उसका विश्वास
मुश्किल से थामा था किसका...
मन मौजी आजाद खयालों वाली
दिल खोल के जीने वाली हसने मुस्कुराने वाली
अब कतराती है अपनी आजादी से
खुद को सिमट के खुद ही के कैद में
अब कैसे सीखेगी किसीपे भरोसा करना फिर से
जो अपनो ने ही तोड़ा उसका विश्वास
मुश्किल से थामा था किसका...