बस तुझमें फर्क़ इतना सा था
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू चाँद था और मैं आसमान।
तेरी रोशनी से जगमगाती थी रातें,
मैं तेरी चमक में खोया हुआ था।
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू फूल थी और मैं बाग़।
तेरी खुशबू से महकते थे दिन,
और मैं तेरी महक में रंगीन था।
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू किताब थी और मैं पन्ना।
तेरे शब्दों में बसी थी कहानियाँ,
मैं उन कहानियों का हिस्सा था।
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू सुर थी और मैं गीत।
तेरे सुरों में...
कि तू चाँद था और मैं आसमान।
तेरी रोशनी से जगमगाती थी रातें,
मैं तेरी चमक में खोया हुआ था।
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू फूल थी और मैं बाग़।
तेरी खुशबू से महकते थे दिन,
और मैं तेरी महक में रंगीन था।
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू किताब थी और मैं पन्ना।
तेरे शब्दों में बसी थी कहानियाँ,
मैं उन कहानियों का हिस्सा था।
बस तुझ में फर्क़ इतना सा था,
कि तू सुर थी और मैं गीत।
तेरे सुरों में...