...

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तेरा चेहरा ।
दुनिया की हर बात भूल जाऊं ।
पर याद आता रहता है वो मासूम सा ।
तेरा चेहरा॥
शब्दों को पढकर भूल जाते किताब के किस्से बन जाते अधूरे।
जिसे बार बार पढ़ने को जी ललचाये वो है तेरा चेहरा ॥
कई रातो से जागे जागे अरमान जो सोने नही देते ।
चांदनी रात में चांद सा नूर बन कर जो निगाहों में हर पल चमकता रहा ताउम्र ।
वो है तेरा चेहरा ॥
उलझी उलझी जिन्दगी मेरी जो सुलझें रहे ख्वाब तेरे ।
ख्वाब मे भी हकीकत लगें वो है
तेरा चेहरा ॥
© shakuntala sharma