...

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बेहिसाब यादें हैं।।
तस्वीरों कि जुबां अजीब होती है
उनको देखते ही हम गुज़रे पलों को आज मे जी लेते हैं
वैसे ही यूं तो मैं तुम्हें कभी भूल ही नहीं पाई पर
साल में कुछ ऐसी तारीखे होती है।
जिस दिन तुम मुझे ज्यादा ही याद आते हो
क्योंकि उन तारीखों से जुड़े है मेरे और तुम्हारे खुबसूरत किस्से
मुझे अब इन बातों को ज्यादा याद नहीं करना चाहिए
इसलिए मैं इनका इंतज़ार कभी नहीं करती
फिर भी साल में हर बार लौट आती हैं ये तारीखें
और अपने साथ ले आतीं हैं ये गुज़रे किस्से और तुम्हारी यादें लेकर
पर तुम्हारा इंतज़ार मुझे हर बार रहता है।
तुम भी लौट आओ ना किसी साल किसी तारीख की तरह............

© काल्पनिक लड़की