मेरी चाह
निकल गया हूं राह पर,
अब न पीछे मुड़ पाऊंगा।
सब कुछ पीछे छोड़ के ,
मैं अब आगे बढ़ आऊंगा।।
मेरी बात में है तम्मन्ना यही,
कि संग किसी के चलता मैं।
बात सभी हर्ष विषाद,
उससे साझा...
अब न पीछे मुड़ पाऊंगा।
सब कुछ पीछे छोड़ के ,
मैं अब आगे बढ़ आऊंगा।।
मेरी बात में है तम्मन्ना यही,
कि संग किसी के चलता मैं।
बात सभी हर्ष विषाद,
उससे साझा...