बंधन
पर एक बंधन और भी होता है...
मन से मन का बंधन...!!!
रेशम सा... बहतें नीर सा..
हवाओं मे बहता सा.. महकते इत्र सा..
बांधे एक ही.. डोर से.. मन से मन को...
हर भीड़ मे तलाशती.. एक दूसरें को..
उस नाम को.. उसके लिखे शब्दों को..
यही तो है.. मन से मन का...
मन से मन का बंधन...!!!
रेशम सा... बहतें नीर सा..
हवाओं मे बहता सा.. महकते इत्र सा..
बांधे एक ही.. डोर से.. मन से मन को...
हर भीड़ मे तलाशती.. एक दूसरें को..
उस नाम को.. उसके लिखे शब्दों को..
यही तो है.. मन से मन का...