प्यार दोस्ती
कितने दिन रहोगे नाराज हमसे
क्या इतनी आसानी से निकाल पाओगे हमे अपने दिल से
हा अगर कभी दिल में बसाया ही न हो तो बात अलग है
आज एक महीना गुजार दिया हमने तुम्हारे इंतजार में
हमे उम्मीद थी तुम समझोगे हमारे इंकार को
पर तुमने तो इजहार...
क्या इतनी आसानी से निकाल पाओगे हमे अपने दिल से
हा अगर कभी दिल में बसाया ही न हो तो बात अलग है
आज एक महीना गुजार दिया हमने तुम्हारे इंतजार में
हमे उम्मीद थी तुम समझोगे हमारे इंकार को
पर तुमने तो इजहार...