❤️❤️
चहक रही है आंगन में मुस्काने कई
पर मेरी नज़रे है बस तुझको खोज रही
पसरी है खुशियां चारों ओर
पर बस मेरे दिल को ही मौज नहीं
भीगे -भीगे ये नैन
अब बिन बात भी बरसते हैं
पाने को तेरा लाड - दुलार
जाने कब से तेरे बच्चे तरसते हैं
बीत गए बरस कई मां तेरे बिन
सूखे न नैन इक भी दिन
तेरी...
पर मेरी नज़रे है बस तुझको खोज रही
पसरी है खुशियां चारों ओर
पर बस मेरे दिल को ही मौज नहीं
भीगे -भीगे ये नैन
अब बिन बात भी बरसते हैं
पाने को तेरा लाड - दुलार
जाने कब से तेरे बच्चे तरसते हैं
बीत गए बरस कई मां तेरे बिन
सूखे न नैन इक भी दिन
तेरी...