...

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वह एक अहसास था...
#त्रिभ्यूट_इन_इंक

कुछ नहीं था बस..,
वह एक अहसास था...

जो देता जीवन को गति,
जिसमें सागर की गहनता..,
ब्रह्माण्ड की विशालता,
मृत्यु के बाद भी..
संग जीनवन की इच्छा..,

बस एक अहसास ही तो था,,
जिसमें.. समा गया था सब कुछ..

समर्पित करती हूं वह अहसास..
भर थाली में.. फूलों की तरह,,
वह सुगंधित फूल..
जो अब सुखकर..
बिखरने को आतुर..,

समेट लेना उन्हें.. मुस्कुराते हुए..,



© अनकहे अल्फाज़...