...

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हार गई
मैंने कहा तुम मेरा मान हो
तुम मेरी हसी हो
तुम मेरा स्वाभीमान हो
तुमसे शुरु होता हैं सब
तुम पर ख़तम हो जाता है।
तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूं
किसी से भी लड़ सकती हूं।
तुम मेरी कमजोरी हो
और तुम्ही मेरी ताकत
तुम्हारी खुशी के लिए तो तुम्हे
किसी और का भी बना सकती हूं।
मुझे मरना भी पड़े तो
एक बार सोचने का ख्याल भी नहीं ला सकती हूं।
तुम्हारी खुशी को सबसे आगे रखती हू।
तुम गिरे तो मैं सम्भाल सकती हूं।
जब बात आए दोनों में से एक की
तो तुम्हे आगे रखती हूं।
तुम्हारी खुशी को अपनी खुशी मानती हूं
तुम्हारी फैमिली को अपनी फैमिली मानती हू।
तुम्हारे लिए तो झुक सकती हूं।
हर रोज बैठ भगवान के सामने सिर्फ तुम्हारे लिए दुआ मांगती हूं।
तुम जानते थे
तुम मेरा सबसे कमजोर पहलू हो।
मैंने तो कभी कुछ नहीं मांगा था
बस एक साथ मांगा था।
हां मानती हू कुछ मजबूरियां ऐसी आन पड़ी थी कि पहले की तरह हर वक़्त मेरे साथ नहीं रह सकते थे पर मैंने तो सब्र करके वो भी नहीं मांगा था।

तुम मेरे हो
बस एक एहसास मांगा था
लेकिन मार दी वो इंसान सिर्फ कुछ शब्दों, मजबूरियों, अपनो ने
जो अपने आप पर नाज , फ़कर महसूस करती थी।
आज सच में वो ansu हार गई
हार गई
तुम्हारी Ansu

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