...

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हार गई
मैंने कहा तुम मेरा मान हो
तुम मेरी हसी हो
तुम मेरा स्वाभीमान हो
तुमसे शुरु होता हैं सब
तुम पर ख़तम हो जाता है।
तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूं
किसी से भी लड़ सकती हूं।
तुम मेरी कमजोरी हो
और तुम्ही मेरी ताकत
तुम्हारी खुशी के लिए तो तुम्हे
किसी और का भी बना सकती हूं।
मुझे मरना भी पड़े तो
एक बार सोचने का ख्याल भी नहीं ला सकती हूं।
तुम्हारी खुशी को सबसे आगे रखती हू।
तुम गिरे तो मैं सम्भाल सकती हूं।
जब बात आए दोनों में...