...

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बचपन
एक बचपन का जमाना था।........👦👶
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चाँद🌜🌜 को पाने की थी,पर दिल ❤️❤️तितली
का दीवाना था।.......
खबर ना थी सुबह की ,ना शाम का
ठिकाना था।.........
थक कर आना स्कूल से,फिर खेलने
भी जाना था।.....😇😇😇😇😇

माँ 🤰की कहानी 📖📖थी,उसमे परियों
का पसाना था।
बारिश 🌦️🌧️🌧️ में कागज की नाव 🚣🚣थी ।
हर मौसम सुहाना था।
न रोने 😫😫की वजह थी,ना हँसने.😄😄😄का बहाना था।
काश वो पल वहीं थम जाता, जि लेती उसे खुशी 😊😊सें

क्यों हो गये हम इतने बरे ,👬सबसे
अच्छा तो हमारा ,बचपन 👶👶 का जमाना था।.🌄🌅🌅

यार , सच्ची में वो भी क्या दिन थे
मम्मी 👩की गोद और पापा👨 के कंधे

ना❌ पैसे की सोच और ना❌लाइफ के फंडे
ना❌ कल की चिंता और ना ❌फ्यूचर के सपने
कोई ना था पराया सब लोग थे अपने 👨‍👩‍👧‍👧

लेकिन अब कल की फ़िक्र
और सिर्फ अधूरे है सपने 😢।।

पीछे मुड़ के देखा तो काफी पीछे छूट
चुके थे वो अपने ।
सब कुछ वही था पर बोहोत दूर हो गए थे वो अपने ।।।😢😢😢

मंजिलो को ढूंढते -ढूंढते ना जाने कहा खो
गए हम😭😭 ।।।

अब बस याद आते है वो ख़ुशी के पल जो बचपन में बिताए थे ।।
क्यों छूट गए वो अपने😭😭 क्यों टूट गए वो सपने ,😭😭

क्यों अपनी उलझनो में इतना खो गए हम
क्या सच्ची में इतने बड़े हो गए हम।।।🙄🙄





© SUHANI