आसमां।
आज आसमां बहुत चमचमाया है,
शायद अंधेरे ने सितारों को नहलाया हैं।
एक शाम तो बीता अपने ही साथ,
ज़िंदगी ने मेरे कानों में सुझाया हैं।
धूप से जलें दिन के काकुलों को,
रातों ने अपने नग्मों में सुनाया हैं।
मेरी तबियत की बिघड़ती अफवाहों को,
किसी ने दूर दूर तक फैलाया...
शायद अंधेरे ने सितारों को नहलाया हैं।
एक शाम तो बीता अपने ही साथ,
ज़िंदगी ने मेरे कानों में सुझाया हैं।
धूप से जलें दिन के काकुलों को,
रातों ने अपने नग्मों में सुनाया हैं।
मेरी तबियत की बिघड़ती अफवाहों को,
किसी ने दूर दूर तक फैलाया...