Adhuri Mulaqat
अधूरी मुलाक़ात
तेरी मेरी मुलाक़ात रह गई अधूरी,
जाने कितनी बातें है अनकही,
ज़िंदगी रेत सी चलती रही,
पर तेरी याद दिल से ना कम हुई।
क़िस्मत में जब मिलना नहीं था,
तो रब ने हमे मिलाया ही क्यों,
जीवन के सफ़र में जब मिल गए,
तो तुम हालात के आगे हारे ही...
तेरी मेरी मुलाक़ात रह गई अधूरी,
जाने कितनी बातें है अनकही,
ज़िंदगी रेत सी चलती रही,
पर तेरी याद दिल से ना कम हुई।
क़िस्मत में जब मिलना नहीं था,
तो रब ने हमे मिलाया ही क्यों,
जीवन के सफ़र में जब मिल गए,
तो तुम हालात के आगे हारे ही...