...

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मेरे अपनो ने ..…..
बरसो मेरे साथ रहे मेरे अपनो
ने मुझे इतना ही जाना ....…..…
लापरवाह, गैर जिम्मेदार , बावली
काम की ना काज की दुश्मन
अनाज की, अब तो ये सारी बाते
अपनी सी लगती है , आंसुओं
से भरी आंखे सूखी सी रहती है
कैसे कहूं की अपनो के बीच भी
बेगानी हूं मैं, मेरे अपनो के लिए
मात्र बोझ की निशानी हूं मैं।
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