...

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मेहरबान
बनावटी मुस्कुराते चेहरे का तिलस्म तो ठीक है
आईने सब सच कहते हैं ! वफादार कैसे होगें ?

राज सब अदंर ही रखे, तप रहे हैं
आप किसी बात से खबरदार कैसे होगें ?

अक्ल तो सब यह गुजरती हकीकत खा गयी
कहो फिर ख्वाब समझदार कैसे होगें?

दिल में कोई तूफान उठे और नज्म बन जाये
शब्द भी मेहरबान हर बार कैसे होगें ?

किसी का दर्द बांटने यूं ही नहीं आया है कोई
वरना जिदंगी के कारोबार कैसे होगें ?

खूब निभा लिये जाते किस्से किसी और के
अपनी कहानी में अपने किरदार कैसे होगें ?

© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️