फ़िक्र
तुम जो गिरे तो मैं तुम्हें सम्हाल लूंगी
हर मुसीबत से तुम्हें निकाल लूंगी
मगर ऐसा नहीं है कि सिर्फ तुम ही गिरते हो
अगर मैं गिरी तो क्या तुम मुझे सम्हाल पाओगे
क्या...
हर मुसीबत से तुम्हें निकाल लूंगी
मगर ऐसा नहीं है कि सिर्फ तुम ही गिरते हो
अगर मैं गिरी तो क्या तुम मुझे सम्हाल पाओगे
क्या...