आया फाल्गुन झूम के...
ढोल नगाड़ा बाजे,
और बाजे चंग।
बाँसुरी की मधुर ध्वनि में,
मन में उठे तरंग।
मदमस्त करो अपने मन को,
आया रंगो का त्यौंहार है।
बड़े- बूढ़ों को सादर प्रणाम,
बच्चों को प्यार है।
गुजिया की मिठास में,
कड़वाहट का स्थान...
और बाजे चंग।
बाँसुरी की मधुर ध्वनि में,
मन में उठे तरंग।
मदमस्त करो अपने मन को,
आया रंगो का त्यौंहार है।
बड़े- बूढ़ों को सादर प्रणाम,
बच्चों को प्यार है।
गुजिया की मिठास में,
कड़वाहट का स्थान...