...

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बेटियाँ!!!😊😊😊
कभी मारा मुझे इसी समाज ने
कभी मारा इसके गिरे रिवाज ने
कभी बना सती झोंक दिया आग में
कभी मारा मुझे दहेज के जहर से
कभी जली उसी के कहर से
कभी दुनियाँ दिखा के मारा मुझे
कभी मारा मुझे माँ की कोख में!!!!
कभी मारा मुझे बन मर्दानगी
कभी मारा एकतरफा चाहत की चादर में
कभी जिन्दा रह भी मैं मरी थी उस दिन
कभी बन के वैश्या बिकी मैं बाजार की ओट में
कभी बनकर मैं लुटी निर्भया सी चोट में
कभी मारा मुझे माँ की कोख में!!!!!
कभी द्रोपदी बन मैं लुटी...