हर साल की तरह 💜
कुछ खुशियां तो कुछ ग़म दे गया हर साल की तरह ।
ये साल भी गुज़र गया हर साल की तरह ।
कुछ अपने पराए हो गए तो कुछ पराए अपनों में तब्दील हो गए हर साल की तरह ।
ये साल भी गुज़र गया हर साल की तरह ।
कुछ सपने अधूरे रह गए तो कुछ अरमानों को मिले पंख हर साल की तरह ।
ये साल भी गुज़र गया हर साल की तरह ।
थोड़ी चोटें खाई नादानी ने तो थोड़ी बढ़ौतरी हुई समझदारी में हर साल की तरह ।
ये साल भी गुज़र गया हर साल की तरह ।
कुछ मोड़ अनचाहे से आए तो कुछ बदलावों को...