...

15 views

भूल नहीं पाई,,,
भूल नहीं पाई ज़िन्दगी सितम तुम्हारे,,
दर्द ही लिखते हैं सारे कलम हमारे,,

ना खोलो हकीकते मेरे अपनों की,,
ख्याल करो, ना तोड़ो मेरे भरम सारे,,

खुशियों के राज़ ढूंढने में ऐ ज़िन्दगी,,
भूल ना जाना काम अहम सारे,,,

दर्द के ऊपर मुस्कुराहटों का खोल है,,
खुशियों की चादर में लिपटे हैं गम हमारे,,

ज़िन्दगी अब चलो चलते हैं तन्हाइयों में,,
के हुजूम में डगमगाते हैं क़दम हमारे,,,,
© Tahrim