...

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गर्भ से स्मशान
गर्भ से स्मशान तक का सफर
खुद को ही तय करना है
अपनी जिंदगी में
मिठास या दरार
अपने आचरणों पर
निर्भर करता है
कब ?कहां ? कैसा ?
अंत होगा !
यह तो किसी को भी
नहीं है खबर
सोच-समझकर
हमें जागरकता से
अनमोल जीवन जीना है
हरपल-हरक्षण सदुपयोग
करते हुए
सत्यानुभव से जीना है
सौंदर्य देखो
निसर्गरम्य प्रकृति देखो
कम बोलो
लेकिन सत्य बोलो
सही सुनो
मगर ध्यान से सुनो
थोड़ा-सा खाओ
अपितु पोषक सात्विक खाओ
काम करो समय पर
जबाबदारी से करो
छोटा लिखो
हर शब्द सच्चाई से लिखो
तब देखो
हमारी जिंदगी अपने आप
आदर्श जीवन के साथ साथ
प्रेरणादायक बनेगी
© आत्मेश्वर