होली की यादें......!!
वह बीती होली, पहली मुलाकात थी हमारी , उन यादों में ....तेरी मैं आज भी डूब जाती हूं ....!!
वह यादें होली की , सआदत है मेरी, उस दिन से ही मैं तुझे बेइंतेहा चाहती हूं ....!!
तुझे यूं रंग लगाते हुए ,वह शर्माना मेरा .......
यह शर्माने की अदा का रिवाज ,तब से आज भी ,मैं कुछ इस तरह ही निभाती हूं ......!!
ता-हद-ए नजर बस रंगों का ही मेला था , बस एक तेरा ही रंग ओढ़कर , आज इतनी मैं खुशनुमा हूं....!!
तेरे रंग लगाते हाथों के स्पर्श से दिल सुन्न हो गया था,...